वहीं दूसरी ओर रजवाडों को यह लगता था कि गांधी और नेहरू के नेतृत्व वाली कांग्रेस जो भारत को एक आधुनिक प्रजातंत्र बनाना चाहती थी, में उनका अस्त्वि समाप्त हो जाएगा।
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आपका लेख निसंदेह एक विचारणीय मुद्दे को उठा रहा है, अंधेर नगरी और चौपट राजा जैसा प्रजातंत्र बनाना ही तो भ्रष्ट नेतावो नौकरशाहों का मुख्य धेय था और जिसमे वो सफल रहे! लेकिन मेरा नजरिया थोड़ा भिन्न भी है!